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    भारत सरकार मुद्रणालय, नासिक (स्थापित 1955)

    Government of India Press, Nasik, Maharashtra

    स्वतंत्रता पश्चात गणतांत्रिक सरकार के गठन के साथ ही मुद्रण कार्य की मात्रा बढ़ गई अतः प्रशासनिक रिपोर्टों, नियमों, अधिनियमों, विभागीय कोडों, राजपत्र, स्टाफ सूचियों एवं अन्य विविध प्रकार के कार्यों के मुद्रण और प्रकाशन में कठिनाइयाँ एवं विलंब भारत सरकार द्वारा अनुभव किए जाने लगे जो जनता और विश्व में भारत सरकार के गतिविधियों को सूचित करने के लिए आवश्यक थे। भारत सरकार द्वारा इन कठिनियों से उबरने के लिए मुद्रण क्षेत्र के विशेषज्ञों की समिति गठित की गई। उन्होंने पूरे भारत वर्ष का दौरा किया और सभी कोणों से विवरण जाँचें। उनकी रिपोर्ट वर्ष 1948 के मध्य तक आई। उनके द्वारा दी गई संस्तुतियों के अतिरिक्त उन्होंने पाया की भारत के पश्चिमी क्षेत्र में एक मुख्य मुद्रणालय की अनुपलब्धता के चलते एक लेटर प्रेस, फोटो लिथो और मात्रा अनुपात की आधुनिक मशीनों सहित एक पूर्ण विकसित मुद्रणालय आवश्यक है। उनके अनुसार बंबई के निकट एक प्रेस स्थापित की जाए क्योंकि वहन केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों की संख्या अधिक है और यह भारत की एक मुख्य वाणिज्यिक और औद्योगिक राजधानी है। उनकी संस्तुतियों को सरकार द्वारा स्वीकार किया गया और बंबई की सम जलवायु और वातावरणीय आर्द्रता के चलते नासिक को अनुकूल माना गया। स्थायी वित्त समिति द्वारा 1948 के अंत तक योजना स्वीकार कर ली गई। संयंत्र और मशीनों का तत्काल क्रय किया गया और 1949 में उनका आना शुरू हो गया जिन्हें अस्थायी रूप से नासिक रोड रेलवे स्टेशन के समीप किराये के शेड्स में रखा गया। केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा नासिक और नाशिक रेलवे स्टेशन के बीच नासिक-पूना रोड पर प्राप्त किए गए भू-खंड पर नए भवन का निर्माण कार्य शुरू किया गया। निर्माण कार्य शुरू किया गया और 1953 के अंत तक स्टाफ हेतु 100 क्वाटर उपलब्ध कराए गए। इसी दौरान एक केन्द्रक मुद्रणालय 22 फरवरी, 1951 में 100 कार्मिकों सहित शुरू किया गया। कार्मिकों को मुख्यतः अन्य मुद्रणालयों से लाया गया था। आगे श्रमशक्ति को और बढ़ाया गया जब 1953 में एच टी लाइन प्राप्त की गई। उसके पश्चात कार्मिकों की संख्या बढ़ कर 300 हो गई।

    सन 1955 के आरंभ तक मुख्य भवन प्राप्य हो गया था और औपचारिक रूप से 31 अक्तूबर, 1955 को इसका शुभारंभ किया गया। केन्द्रक मुद्रणालय को बन्द कर दिया गया और किराये पर लिए गए शेड नवम्बर 1955 में खाली कर दिए गए। इस समय लगभग 200 और स्टाफ कॉर्टर तैयार थे जिन्हें कार्मिकों को अलॉट कर दिया गया। शुरुआत में केवल लेटर प्रेस मुद्रणालय कार्यरत हुआ क्योंकि उपकरणों के लिए स्थान की अनुपलब्धता थी। अप्रैल,1959 में 744 क्वार्टर कार्मिकों को उपलंध कराए गए। मार्च 1959, तक सभी भवनों जिनमें आवासीय और संयंत्रों और मशीनरी इत्यादि के भवन सम्मिलित हैं, की कुल लागत ढाई करोड़ रुपये से अधिक थी।

    मुद्रणालय के प्रपत्र खंड में 132 कार्मिकों सहित जून, 1958 में कार्य शुरू हुआ। मुद्रणालय के भवन और आवासीय कालोनी के निर्माण कार्य को प्रथम पंचवर्षीय योजना के तहत किया गया। स्थान की अवस्थिति, लेआउट, कार्य वातावरण और साथ ही फैक्ट्री, कार्यालय भवन और आवासीय कालोनी एक कैम्पस के अंदर ही अनुकरणीय उदाहरण हैं।

    दिनांक 20.09.2017 के मंत्रिमंडल के निर्णयानुसार भारत सरकार मुद्रणालय कोरात्ती, भारत सरकार मुद्रणालय कोयंबटूर और भारत सरकार पाठ्य पुस्तक मुद्रणालय मैसूर का विलय भारत सरकार मुद्रणालय नासिक में किया गया जो न्यायालय में लंबित है।

    भारत सरकार मुद्रणालय, नाशिक मुद्रण का कार्य करता है

    तकनीकी शिक्षा निदेशालय (जी.एन.सी.टी., दिल्ली)

    • विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्नपत्र और श्रम एवं रोजगार विभाग (आई.टी.आई.) के लिए

    रक्षा मंत्रालय

    • सैनिक स्कूल और सेना के प्रश्नपत्र

    अनुदान की मांग

    • परमाणु अनुसंधान विभाग

    पुसा तकनीकी संस्थान, दिल्ली

    •  विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्नपत्र

    श्रम एवं रोजगार मंत्रालय

    • विभिन्न परीक्षाओं के प्रश्नपत्र

    पुस्तक का कार्य

    •  मानव संसाधन विकास मंत्रालय
    • रक्ष मंत्रालय
    • संचार विभाग आदि

    फार्म का कार्य

    • डाक भंडार डिपो ( नाशिक, चेन्नई, मदुराई, तिरुनेलवेली)
    • सी.आर.पी.एफ. (नागपुर, बैंगलोर, तेलंगना, निमुच)
    • केंद्रीय फिल्म प्रमाणपत्र बोर्ड, परमाणु ऊर्जा विभाग आदि

     

    • टेलीफोन : 0253-2417862
    • ई-मेल : nsk-gippr[at]nic[dot]in
    • पता : भारत सरकार मुद्रणालय, नासिक, महाराष्ट्र - 422 006